चूं चूं चूं चूं म्याउं म्याउं
चूं चूं चूं चूं, बिल्लियों की आवाज,
घर के कोने में हो गई है ताज।
लघु-सी बिल्लियाँ दौड़ती जाएं,
छोटी-छोटी नन्ही पाँवों से चहकते जाएं।
म्याउं म्याउं, बिल्लियाँ कहें,
चाँदनी रात में गातीं गहें।
प्यारी-सी आवाज, दिल में समाए,
नन्ही बिल्लियाँ अपने गीत सुनाए।
चूं चूं चूं चूं, एक छोटी सी ध्वनि,
आंगन में दौड़ते कदमों की गूंज।
गुलाबी नथ, और हल्के से कान,
बिल्लियाँ हैं खुश, यह संसार उनका मान।
म्याउं म्याउं, गाती है मस्ती,
घर के आंगन में बसी है यास्ती।
मांगती है दूध, भागती है बाग,
बिल्लियों का उत्सव हमेशा है रंग।
चूं चूं चूं चूं, एक नन्हा सा गीत,
म्याउं म्याउं, बिल्लियाँ देतीं प्रीत।
इनकी मस्ती और इनकी ख़ुशी,
जीवन को सिखाए खुश रहना कभी।