मुन्ना और दवाई कविता
मुन्ना और दवाई की कहानी
मुन्ना छोटा, बड़ा नादान,
दवाई देखे, करे परेशान।
कहता, “मां, ये कड़वी क्यों?
इसका स्वाद अच्छा हो क्यों न?”
मां का प्यार और समझाइश
मां बोली, “मुन्ना सुन ले बात,
दवाई में है सेहत का साथ।
कड़वी लगती, पर काम ये करती,
बिमारी को दूर से भगाती।”
मुन्ना की छोटी सी जिद्द
मुन्ना ने मुंह बनाया बड़ा,
दवाई पीने से मन हटाया सदा।
पर मां के प्यार ने समझाया उसे,
“सेहत के लिए ज़रूरी है इसे पीना बस।”
हिम्मत और समझ का सबक
मुन्ना ने फिर हिम्मत जुटाई,
कड़वी दवाई भी चुपचाप पी डाली।
अब वह मुस्काया, बोला ये बात,
“मां, मैं समझ गया तेरा जज़्बात।”
निष्कर्ष
मुन्ना ने सीखा यह पाठ,
सेहत के लिए दवाई का साथ।
कड़वी हो पर है लाभकारी,
दवाई है जीवन की रखवाली।