ताती-ताती तोता
ताती-ताती तोता आया,
हरियाली में रंग लहराया।
चोंच लाल और पंख हरे,
देखो कैसे उड़ता फिरे।
पेड़ की डाली पर झूल-झूल,
मीठे-मीठे शब्दों की भूल।
“मीठा दो, मीठा दो” कहे,
सुनते ही दिल सबका बहे।
अंगूर, अमरूद का शौकीन,
तोता सच में बड़ा रंगीन।
कभी नाचता, कभी गाता,
मन मोहक गीत सुनाता।
सूरज की पहली किरण संग,
तोता उड़ता, जगाता रंग।
और जब शाम घिरे, चुपके,
डाल पे बैठे, सो जाए सुख से।
ताती-ताती तोता प्यारा,
जंगल का राजदुलारा।
नटखट, चंचल, बड़ा निराला,
सबका साथी, सबका वाला।