ना धिन धिन्ना
ना धिन धिन्ना, बाजे ढोल,
गुंजते सुर, जैसे सजे हो गोल।
हर दिल में बजी खुशी की धुन,
हर कदम में हो जैसे नृत्य का जुनून।
ना धिन धिन्ना, ढोल की ताल,
हर घर में हो उल्लास का हाल।
धूप हो या बारिश, खुशी हो निरंतर,
संग साथ चलें, जीवन हो सुंदर।
गुंजे बगिया में जैसे राग,
फूलों में बसी हो मस्ती की भाग।
सपने हो जैसे हवा में बहते,
ना धिन धिन्ना, दिल सबके साथ झूमते।
ना धिन धिन्ना, ये लय बढ़ती जाए,
सपनों की दुनिया में सब सजे जाए।
चलो उठाओ ढोल, नृत्य करो साथ,
इस खुशी के सफर में सब हो खास।
जीवन की रागिनी हो जैसे संगीत,
बाजा बजे, हर दिल हो जीत।
ना धिन धिन्ना, ढोल की ध्वनि,
संग मिलकर बढ़ाओ प्यार की बिनी।